नितीश कुमार ने पटना मेट्रो फेज‑1 का उद्घाटन, 3.6 किमी लाइन चलन में

नितीश कुमार ने पटना मेट्रो फेज‑1 का उद्घाटन, 3.6 किमी लाइन चलन में
7 अक्तूबर 2025 0 टिप्पणि आर्य वरदान नागपाल

जब नितीश कुमार, मुख्यमंत्री, बिहार ने पटना मेट्रो के पहले चरण का उद्घाटन किया, तो राजधानी की सड़कों में बदलाव की हवा चल रही थी। यह समारोह पटना मेट्रो फेज‑1 उद्घाटन समारोहपट्लिपुत्र बस डिपो, पटना में 6 अक्टूबर 2025 को आयोजित हुआ, ठीक उसी दिन जब बिहार में विधानसभा चुनाव की घोषणा हुई।

परिचय और पृष्ठभूमि

पटना मेट्रो परियोजना को मूल रूप से नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री, भारत ने फरवरी 2019 में शिलाखण्ड रखवा कर शुरू किया था। अनुमानित लागत ₹13,365 करोड़ थी, और इसका मुख्य उद्देश्य शहर में ट्रैफ़िक जाम को कम करना, प्रदूषण घटाना और नागरिकों को तेज़, सुरक्षित सार्वजनिक परिवहन प्रदान करना था।

पहला चरण 3.6 किमी लंबी उन्नत प्राथमिक कॉरिडोर है, जो इंटर‑स्टेट बस टर्मिनल (ISBT), पट्लिपुत्र को भूतनाथ स्टेशन से जोड़ता है, बीच में ज़ीरो माइल स्टेशन है। यह नीला लाइन (Blue line) कहलाता है।

विस्तृत विकास और तकनीकी जानकारी

पहले चरण के परिचालन में कुल तीन स्टेशन शामिल हैं और लगभग 4.3 किमी का यात्रियों के लिए उपयोगी कॉरिडोर बनता है। ट्रेनों की आवृत्ति 20 मिनट पर एक बार है, जिससे दिन भर में 40‑42 ट्रिप्स की सम्भावना रहती है। प्रत्येक ट्रेन में तीन कोच होते हैं, प्रत्येक कोच लगभग 300 यात्रियों को बिठा सकता है, यानी पूरी ट्रेन में 900 तक लोग सुगमता से यात्रा कर सकते हैं।

फेयर स्ट्रक्चर बहुत ही किफ़ायती रखा गया है: दो पड़ोसी स्टेशनों के बीच की यात्रा के लिये न्यूनतम किराया ₹15, और पूरी Strecke—ISBT से भूतनाथ तक—का किराया ₹30 है। इस कीमत पर दैनिक 8 बजे से रात 10 बजे तक सेवाएँ उपलब्ध हैं।

  • न्यूनतम किराया: ₹15 (एक स्टेशन)
  • पूर्ण Strecke किराया: ₹30
  • ऑपरेटिंग घंटे: 08:00‑22:00
  • ट्रेन क्षमता: 900 यात्री
  • ट्रिप्स प्रति दिन: 40‑42

डिज़ाइन की बात करें तो कोच में बिहार की पारम्परिक मधुबनी कला के मोटिफ़ नक्क़ाशी किए गए हैं। यह सांस्कृतिक स्पर्श यात्रियों को आधुनिकता के साथ अपने विरासत से जुड़ाव का अहसास कराता है।

राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रियाएँ

उद्घाटन समारोह में सम्राट चौधरी, उपमुख्यमंत्री, बिहार और विजय कुमार सिन्हा, उपमुख्यमंत्री, बिहार भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि यह इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट न केवल राजधानी की परिवहन समस्या को हल करेगा, बल्कि चुनावी दौर में विकास की नई आशा भी दिखाएगा।

स्थानीय व्यापारियों ने भी आशावादी टिप्पणी की। पट्लिपुत्र बस डिपो के पास की दुकानों के मालिकों ने कहा कि अब बस टर्मिनल की भीड़ कम होगी और उनका व्यापार बेहतर होगा। वहीं, यात्री संगठनों ने ट्रेन की समयबद्धता और सुरक्षा मानकों को लेकर सकारात्मक राय व्यक्त की, लेकिन उन्होंने सिखर पर भीड़भाड़ के संभावित मुद्दों को उठाया।

प्रभाव विश्लेषण और विशेषज्ञों की राय

शहरी योजना विशेषज्ञ डॉ. अनीता सिंह, संस्थापक, सिटी पॉलिसी इंस्टिट्यूट ने कहा कि पटना मेट्रो का पहला चरण ट्रैफ़िक लोड को लगभग 15‑20% तक घटा सकता है, बशर्ते आगे के चरण भी समय पर पूरे हों। उन्होंने यह भी जोड़ दिया कि यदि फेयर एफ़ोर्डेबल रहता है, तो मध्यम वर्ग के लोगों द्वारा रोज़ाना उपयोग बढ़ेगा, जिससे सार्वजनिक वित्त को भी फायदा होगा।

ऊर्जा विशेषज्ञों का मानना है कि इलेक्ट्रिक ट्रेनों के उपयोग से शहर के वायुमंडल में CO₂ उत्सर्जन घटेगा। वार्षिक अनुमानित कमी लगभग 40,000 टन है, जो राष्ट्रीय स्तर पर जलवायु लक्ष्य के अनुरूप है।

भविष्य की राह और विस्तार योजना

पहले चरण की सफलता के बाद, कुल 30 किमी की लंबी योजना है, जिसमें लाल लाइन (Red line) और हरी लाइन (Green line) भी शामिल होंगी। ये अतिरिक्त लाइनें पटना के दक्षिणी, उत्तरी और पश्चिमी क्षेत्रों को आपस में जोड़ेंगी, जिससे कुल रोज़ाना 5‑6 लाख यात्रियों को कवर करने का लक्ष्य है।

राज्य सरकार ने आगामी वित्तीय वर्ष में अतिरिक्त ₹5,000 करोड़ निवेश के लिए बजट पारित किया है, ताकि इन लाइनों को 2028 तक चालू किया जा सके। साथ ही, प्रोजेक्ट की सफलता को देखते हुए भारत सरकार ने भी मेट्रो विकास के लिए विशेष ग्रांट की घोषणा की है।

निष्कर्ष

पटना मेट्रो फेज‑1 का आधिकारिक उद्घाटन न केवल बिहार की इंफ्रास्ट्रक्चर यात्रा में एक मील का पत्थर है, बल्कि यह एक सामाजिक बदलाव का संकेत भी देता है। किफ़ायती किराया, संस्कृति‑सम्पन्न कोच और पर्यावरण‑मित समाधान मिलकर इस परियोजना को भविष्य का मॉडल बनाते हैं। अब सवाल यह है कि अगली लाइनों की गति और गुणवत्ता कितनी तेज़ी से तैयार होगी, और क्या यह पहल शहर की बढ़ती जनसंख्या की आवश्यकताओं को पूरी तरह से संतुष्ट कर पाएगी।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

पटना मेट्रो का पहला चरण किन किन क्षेत्रों को जोड़ता है?

यह 3.6 किमी की उन्नत लाइन इंटर‑स्टेट बस टर्मिनल (ISBT), पट्लिपुत्र को भूतनाथ स्टेशन तक जोड़ती है, बीच में ज़ीरो माइल स्टेशन स्थित है।

मेट्रो की किराया संरचना कैसे तय की गई है?

किराया बहुत किफ़ायती रखा गया है—एक स्टेशन के बीच यात्रा के लिये ₹15 और पूरी Strecke ISBT‑भूतनाथ के लिये ₹30, जिससे मध्यम वर्ग के यात्रियों को भी नियमित उपयोग में सुविधा रहे।

पर्यावरणीय प्रभाव के बारे में क्या बताया गया है?

इलेक्ट्रिक मेट्रो ट्रेनों की वजह से वार्षिक अनुमानित CO₂ घटाव लगभग 40,000 टन है, जो बिहार सरकार के स्वच्छ वायु लक्ष्य के अनुरूप है।

भविष्य में मेट्रो नेटवर्क का विस्तार कैसे होगा?

पहले चरण के बाद कुल 30 किमी की तीन लाइनों (नीली, लाल और हरी) बनाने की योजना है, जिससे शहर के विभिन्न क्षेत्रों को जोड़ते हुए 2028 तक रोज़ाना 5‑6 लाख यात्रियों को कवर करने की संभावना है।

उद्घाटन समारोह में कौन‑कौन उपस्थित थे?

मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने उद्घाटन किया, साथ में उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, विजय कुमार सिन्हा और कई हाई‑पॉइंट अधिकारी मौजूद थे। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2019 में रखे गए शिलाखण्ड का भी उल्लेख किया गया।