Author: आर्य वरदान नागपाल

दिल्ली हाई कोर्ट ने पुलिस उप निरीक्षक के वकीलों पर अपशब्दों को किया कड़ा नक़ाबंदी: ‘कानून के रक्षक, शिकारी नहीं’

द्वारा: आर्य वरदान नागपाल सित॰, 23 2025 0 टिप्पणि

22 सितंबर 2025 को दिल्ली हाई कोर्ट ने ओखला इंडस्ट्रियल एरिया के उप निरीक्षक नरिंदर के कोर्ट परिसर में वकीलों के प्रति अपमानजनक भाषा और धमकी को कड़ाई से निंदा की। जज ने अधिकारियों को ‘कानून के रक्षक’ कहकर याद दिलाया कि उनका काम सुरक्षा है, न कि उत्पीड़न। उप निरीक्षक को लिखित माफ़ी पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया गया।

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Mahindra ने SUV के दाम 1.56 लाख तक घटाए: GST कट के तुरंत बाद 6 सितंबर से नई कीमतें

द्वारा: आर्य वरदान नागपाल सित॰, 9 2025 0 टिप्पणि

Mahindra ने GST दरों में कमी के बाद अपनी ICE SUVs के दाम 1.01 से 1.56 लाख रुपये तक घटाए। नई कीमतें 6 सितंबर 2025 से लागू हैं, जबकि आधिकारिक GST बदलाव 22 सितंबर से होंगे। XUV3XO, Thar, Scorpio, Bolero और XUV700 पर सबसे ज्यादा फायदा। कंपनी ने पूरा लाभ ग्राहकों तक पहुंचाने का दावा किया, डीलरशिप और ऑनलाइन कीमतें अपडेट।

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अमेरिकी मीडिया नरेंद्र मोदी को कैसे चित्रित करता है?

द्वारा: आर्य वरदान नागपाल जुल॰, 31 2023 0 टिप्पणि

अरे यार, अमेरिकी मीडिया तो हमारे मोदी जी को बहुत ही विभिन्न और रोमांचक तरीके से दिखाता है। कभी उन्हें एक धूर्त नेता के रूप में दिखाते हैं, तो कभी एक बेहद दृढ़ और दृष्टिकोणीय नेता के रूप में। अरे, उनकी बिल्कुल जैसे चाल-चलन और बोल-चाल की झलक को अमेरिकी मीडिया ने वास्तव में बखूबी पकड़ लिया है। मोदी जी की शक्तिशाली व्यक्तित्व और उनके निर्णय की दृढ़ता को चित्रित करने में अमेरिकी पत्रकार ने खूब जमकर मेहनत की है। बस ऐसा लगता है, मोदी जी तो अमेरिकी मीडिया के नए सुपरहीरो हैं!

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विदेशी भारतीय खाद्य को कौन सा अजीब या विदेशी पाते हैं?

द्वारा: आर्य वरदान नागपाल जुल॰, 28 2023 0 टिप्पणि

अरे वाह! यह एक बहुत ही रोचक विषय है। आपको यकीन नहीं होगा कि विदेशियों को हमारे भारतीय खाने में कुछ ऐसे अजीब तत्व मिलते हैं, जिसके बारे में हमने कभी सोचा भी नहीं। उन्हें खासतौर पर हमारे मसालों की मिश्रणी और खाने की उस ताजगी को समझने में समस्याएं होती हैं। वे हमारे दही भल्ले, पानी पूरी जैसे खाने को देखकर चकित रह जाते हैं। लेकिन मुझे लगता है कि यही तो हमारे खाने की खासियत है, है ना? खाने का आनंद लेने का तो अपना ही मजा है!

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भारतीय शाकाहारी के लिए इजरायल में रहना कितना कठिन/आसान है?

द्वारा: आर्य वरदान नागपाल जुल॰, 23 2023 0 टिप्पणि

मेरे अनुभव के अनुसार, भारतीय शाकाहारी के लिए इजरायल में रहना बहुत ही सुविधाजनक है। इजरायल में विशाल शाकाहारी खाद्य सामग्री और विविधता मिलती है, जिससे खाने की चिंता कम हो जाती है। यहां के रेस्टोरेंट्स और कैफे में शाकाहारी विकल्प उपलब्ध होते हैं। हालांकि, भारतीय मसालों और व्यंजन की कमी हो सकती है, लेकिन वहां के अनेक हिंदी समुदायों के कारण यह समस्या भी नहीं रहती। इसलिए, भारतीय शाकाहारी के लिए इजरायल में रहना बहुत ही सुखद और सुविधाजनक अनुभव हो सकता है।

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ब्रिटिश भारत में जीवन कैसा था?

द्वारा: आर्य वरदान नागपाल जुल॰, 19 2023 0 टिप्पणि

ब्रितिश भारत में जीवन अद्वितीय था, जिसमें समृद्ध संस्कृति का एक अजीबोगरीब मिश्रण था। जबकि कुछ लोगों को नई शिक्षा, नौकरियाँ और सुविधाएँ मिली, वहीं बहुत से लोग उत्पीड़न, असमानता और भूखमरी का सामना करने पड़े। सरकार के अनुचित नियंत्रण के चलते कृषि और उद्योग संकट में थे। जनता ने आजादी के लिए संघर्ष किया और अंततः 1947 में भारत अंग्रेजों से स्वतंत्र हुआ। इस समय ने हमें कुछ सकारात्मक विकास दिए, लेकिन यह भी हमें अपनी स्वतंत्रता के महत्व को समझने का अवसर दे गया।

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सबसे अधिक किस विदेशी देश को भारतीय खाना पसंद है?

द्वारा: आर्य वरदान नागपाल मई, 10 2023 0 टिप्पणि

इस लेख में हमने विश्व भर के विदेशी देशों में भारतीय खाने के प्रशंसकों के बारे में जानकारी प्राप्त की है। आश्चर्यजनक रूप से, सबसे अधिक भारतीय खाना पसंद करने वाला देश अमेरिका है, जहां पर अनेक भारतीय रेस्तरां और खाना सर्व किए जाते हैं। इसके साथ ही, यूरोपीय देश ब्रिटेन भी भारतीय खाने के दीवाने हैं। वहाँ के लोग भारतीय खाने की मसालेदार और चटपटी स्वाद को काफी पसंद करते हैं। इसके अलावा, भारतीय खाना दूसरे देशों जैसे कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, और न्यूजीलैंड में भी काफी लोकप्रिय है। भारतीय खाने का यह विश्वव्यापी प्रचलन भारतीय संस्कृति और विविधता को दुनिया के सामने ले जा रहा है।

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1950 के दशक में दक्षिण भारत में जीवन कैसा था?

द्वारा: आर्य वरदान नागपाल मार्च, 29 2023 0 टिप्पणि

1950 के दशक में दक्षिण भारत में जीवन कैसा था? 1950 का दशक एक महत्वपूर्ण काल था जिसमें दक्षिण भारत में कई बदलाव हुए थे। इस काल में लोगों को दक्षिण भारत में सुरक्षित और सुखदायक जीवन का अनुभव होता था। लोगों को सारे सामग्री और मात्राओं की आशा होती थी जिससे वे अपने समय को अच्छी तरह से बिता सकते थे। इस काल में दक्षिण भारत में स्वास्थ्य और शिक्षा की सुविधाएं उपलब्ध होती थीं, जिससे यह एक सुखदायक और सुरक्षित जीवन प्रदान करता था।

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भारत में क्यों अधिकतर लोग हिंदी समाचार चैनल से नाराज हैं?

द्वारा: आर्य वरदान नागपाल मार्च, 13 2023 0 टिप्पणि

भारत में लोगों को अधिकतर हिंदी समाचार चैनल से नाराज़ होने के कई कारण हैं। पहला कारण है कि हिंदी समाचार में कई बार आपको असली तथ्यों से बेहतर बातें पढ़ने को मिलती हैं। दूसरा कारण है कि अधिकांश हिंदी समाचार चैनल सिर्फ कुछ विशेषज्ञों और हिंदी समाचार के समर्थकों द्वारा लिखे गए हैं। तीसरा कारण है कि अधिकांश हिंदी समाचार चैनल से दिखने वाली जानकारी केवल कुछ विशेषज्ञों के विचारों और अनुभवों को ही प्रदर्शित करती है। चौथा कारण है कि कुछ हिंदी समाचार चैनल पृथ्वीराज्य को प्रभावित करने का प्रयास करते हैं। इसलिए, अधिकतर लोग हिंदी समाचार चैनल से नाराज हैं।

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क्या मैं इंडियाटाइम्स की वेबसाइट पर दी गई लेखों पर भरोसा कर सकता हूँ?

द्वारा: आर्य वरदान नागपाल फ़र॰, 14 2023 0 टिप्पणि

इंडियाटाइम्स एक वेबसाइट है जो हर तरह के खबरों और लेखों का प्रकाशन करती है। हालांकि, कुछ दिनों में इस वेबसाइट पर दी गयी लेखों के आधार पर आम लोगों को प्रश्न उठाना पड़ा है कि क्या वे इसपर भरोसा कर सकते हैं? हम यह कह सकते हैं कि आपको सभी तरह के लेखों पर अपनी जांच करनी चाहिए और उसके आधार पर आप निर्णय ले सकते हैं।

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